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तस्वीरों के झरोखे से मकर संक्राति 2
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विचार मंथन
'हमें आध्यात्म की क्या ज़रूरत है
'हां' कहने का साहस
अध्यात्म के अनमोल मोती
अपने गिरेबान में
अविरत यात्रा के एक महीने
अहम् ब्रह्मस्मि
आइये खिचड़ी की तरह एक दूसरे में रच बस जायें
आऒ मनाए प्यार का दिन हर दिन
आखिर ये कौन है जो हमारे न चाहते हुए भी हमसे काम करवा लेता है?
इस्लाम भाई बहा रहे सरस्वती की धारा
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत
और हमें इसे त्यागपूर्वक भोगना चाहिए
कर्म प्रधान बिस्व करि राखा
कृष्ण और गोपिकाएँ
क्या आप जानते है
गण का बिखरता तंत्र
तस्वीरों के झरोखे से मकर संक्राति
तुम्हें कुछ भी पाप स्पर्श नहीं कर सकेगा
थोड़े से सुभाष की जरुरत है
धर्म की झांकी (गाँधी जी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग से)
धर्म दुष्यंत कुमार
ध्यान के लघु प्रयोग
नहीं मृत्यु हमारी नियति नहीं हो सकती है
नेता भेजो या फिर खुद ही नेतागिरी करो
पूर्णता का नाम परमात्मा
फिर याद आये सुभाष बाबू
ब्रह्म को जानने वाला ब्रह्म ही हो जाता है
भक्ति का दूसरा नाम ही प्रेम है
भारतीय बन जाएं हम
मकर संक्रांति के पद: परमानंद दास जी द्वारा लिखे हुए
यदि मैं कर्म न करूं तो ये सारे लोक नष्ट-भ्रष्ट हो जाएंगे
यह संसार भोगने योग्य है
रघुपति राघव राजा राम
राधा और कृष्ण का आकर्षक
रामचरितमानस सुंदरकांड
लेकिन उन्हें हमसे ज़रा भी लगाव नहीं है
विश्व धर्मं सभा में स्वामी जी का व्याख्यान
शरीर है मंदिर का द्वार
श्री हनुमान चालीसा
समष्टि के लिए व्यष्टि का बलिदान
सूर्य देवता हमें जीवन देते है
हृदय तो परमात्मा को पाने के लिए बना है
हे अमृत के पुत्रों सुनो
जिन खोजा तिन पाईया...
सत्य के प्रयोग- गाँधी जी की आत्मकथा
श्रीविष्णुसहस्त्रनामस्तोत्रम
सागर में मिलने वाली नदियाँ
शत नमन माधव चरण में
पुष्टि मार्ग, हे कृष्ण मैं आपका दास हूँ
कविता कोश
दीनदयाल शोध संस्थान
संत श्री आशाराम बापू आश्रम
हिन्दू धर्मं के बारे में
गीता प्रेस गोरखपुर
रामकृष्ण मिशन
कारोबार में अध्यात्म
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