हमे बहुत से ऐसे लोग मिलते हैं जो कहते हैं कि 'भैया खाओ, पियो और मौज करो. जो है वो यहाँ ही है इस दुनिया में.' लेकिन क्या है इस दुनिया में. इस बारे में बात करेंगे लेकिन पहले आपको बुधवार की तीन तस्वीर दिखाता हूँ.

पहली तस्वीर रांची के एक अस्पताल में भर्ती गुरु जी की है. शीबू सोरेन ज़मीन से निकले हुए नेता हैं. उन्होंने लम्बा संघर्ष किया है. बहुत कुछ पाया भी है. लेकिन आज मरणासन्न पड़े हैं. झारखण्ड पर राज करने की इच्छा अधूरी रह गई.

अब दूसरी तस्वीर. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पतंगबाजी कर रहे है. फोटो में मोदी आपको बेफिक्र भले लग रहे है, लेकिन वो बेफिक्र है नहीं. आज उद्योग जगत के दो बड़े दिग्गजों ने उन्हें प्रधानमंत्री बनने की वकालत कर दी. इसके बाद दिल्ली दरबार में दिन भर इस बात की प्लानिंग होती रही की कैसे मोदी के पर कतरे जाये. मोदी को अब सजग रहना होगा. रात को नीद नहीं आएगी. भाजपा का नया लौह पुरुष अपनों से असुरक्षित है.
अब तीसरी तस्वीर

इलाहबाद में संगम तट पर दो साधू फुटबाल खेल रहे हैं. इन्हें न तो किसी राज्य का मुख्यमंत्री बनना है और न ही प्रधानमंत्री. दिल्ली दरबार भी इनका कुछ नहीं बिगड़ सकता है. इन्होंने अपने आप को इश्वर को सौप दिया है. भगवान् मेरे साथ अच्छा हो तो आपकी तारीफ और बुरा हो तो भी आप ही जानो. हमें तो हर हाल में मस्त रहना है.
ऐसी तस्वीरे हमें रोज दिखती है. ऑफिस में, समाचार में, परिवार में, पड़ोस में. और फिर लगता है कि हाँ हमें आध्यात्मिक होना चाहिए. आपका क्या ख्याल है...