तीर्थ यात्रा 15 जनवरी, 2009

सदी का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण 22 जुलाई को
Jan 15, 12:08 am

लखनऊ। वर्तमान सदी का पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण 22 जुलाई को होगा। यह देश में भी दिखायी देगा। राज्य में वाराणसी और इलाहाबाद जिलों में इसे आसानी से देखा जा सकेगा। शेष जिलों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखेगा। ग्रहण के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए 22 जुलाई को बड़ी संख्या में देश व विदेश के वैज्ञानिक प्रभावित जिलों में जुटेंगे। 'आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान, नैनीताल' के वैज्ञानिक डा. कृष्णानंद सिन्हा ने बताया कि दस वर्ष बाद देश में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखायी देगा। 22 जुलाई को होने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण सूरत, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना को मिलाने वाली तीन सौ किलोमीटर की पट्टी पर दिखायी देगा। डा. सिन्हा के मुताबिक 22 जुलाई को उक्त जिलों में दिन के समय अंधेरा छा जायेगा। सूर्य का आकार 'डायमंड रिंग' के रूप में दिखेगा।

हर्ष व उल्लास से मनाया गया महापर्व मकर संक्रांति

नई दिल्ली/कोलकाता/लखनऊ। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में बुधवार को श्रद्धा व आस्था का महापर्वमकर संक्रांति की धूम रही। विभिन्न भारतीय पंचांगों के मुताबिक सूर्य के उत्तरायणहोने के अवसर पर यह पर्व मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में गंगा सागर व उत्तरप्रदेश में इलाहाबाद के संगम में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा कर भगवान सूर्य की उपासना की। उत्तर प्रदेश में इस अवसर पर इलाहाबाद स्थित पवित्र संगम में बुधवार को लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। अन्य शहरों में भी गंगा, यमुना और गोमती जैसी पवित्र नदियों में श्रद्धालुओं ने स्नान कर दान-पुण्य किया।

पंजाब माघी मेला: लाखों श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान

मुक्तसर।पंजाब के मुक्तसरशहर में प्रसिद्ध माघी मेले के मौके पर कडाके के ठंड के बावजूद लाखों श्रद्धालुओं ने ऐतिहासिक सरोवर में स्नान किया और चालीस मुक्तोंको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने ऐतिहासिक गुरुद्वारा मुक्तसरतथा मोगाके तखतपुराके पवित्र सरोवर में स्नान किया और पूजा अर्चना की।

गंगासागर में पांच श्रद्धालुओं की मौत
Jan 14, 06:30 pm

सागर द्वीप। पश्चिम बंगाल में पवित्र पर्व मकर संक्रांति के अवसर पर बुधवार को गंगासागर स्नान के दौरान पांच श्रद्धालुओं की मौत हो गई। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि तीन श्रद्धालुओं का शव तट पर और दो के शव तट से थोड़ी दूर मिले। समझा जा रहा है कि कड़ाके की ठंड के कारण हृदयाघात से उनकी मत्यु हुई। उधर, करीब चार लाख श्रद्धालुओं ने शंखध्वनि और नगाड़े के ताल के बीच गंगासागर में डुबकी लगाई। गंगासागर मेला देखने दुनियाभर से लोग यहां पहुंचे थे। पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने भी पवित्र सागर में डुबकी लगाई और सूर्य को अ‌र्घ्य दिया।

ऋतु परिवर्तन और हास परिहास का उत्सव टुसू

डा. गिरिधारी राम गौंझू मकर संक्रांति। सूर्य का उत्तरायण होना। मौसम में तनिक परिर्वतन। आम्र मंजरियों का आरंभ। पत्तों का झड़ना शुरू। ऐसे ही जाते हुए शीत की विदाई की तैयारी का उत्सव है टुसू पर्व। झारखंड के पूर्वी भाग का, पंचपरगना इलाके का और इससे लगे सीमांत इलाकों का एक महत्वपूर्ण पर्व है यह। नए वस्त्र धारण कर मेले में जाना। टुसू का विसर्जन। गुड़, मुढ़ही खाना। कुमारी कन्याओं की तलाश। विवाह के सपनों को साकार करने का उत्सव है टुसू।

शंकराचार्य ने दूर से ही दिया आशीर्वाद

वाराणसी, सांस्कृतिक प्रतिनिधि : ज्योतिष व द्वारिकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती मंगलवार को सायं पौने छह बजे केदारघाट स्थित विद्यामठ पहुंचे। मठ के द्वार पर घंटों से इंतजार में खड़े सैकड़ों भक्तों ने हर- हर महादेव का उद्घोष कर उनका अभिवादन किया। स्वामी जी ने हाथ उठाकर भक्तों को आशीर्वाद दिया। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 16 दिनों तक इलाज कराने के बाद स्वस्थ होने पर मंगलवार को उनके शिष्य उन्हें लेकर काशी पहुंचे। इस दौरान किसी को भी माल्यार्पण करने व पैर छूने की अनुमति नहीं दी गई। सभी ने दूर से उन्हें नमन किया।

मंदार मेला शुरू

बिहार-झारखंड की सीमा और भागलपुर-दुमका मार्ग पर बाँका जिले के बौंसी के प्राचीन ऐतिहासिक मंदार पर्वत की तराई में लगभग एक माह तक लगने वाला मेला मकर संक्रांति के मौके पर बुधवार से शुरू हो गया। इसे मकर मेला या मंदार मेला भी कहा जाता है। हर साल लगने वाले इस मेले में देश-विदेश के हिन्दू, जैन, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के अलावा बड़ी तादाद में आदिवासी भी आते हैं, इसलिए इसे अंग-बंग आदिवासी का समागम स्थल के नाम से भी जाना जाता है।

सौजन्य: दैनिक जागरण

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