अहम् ब्रह्मस्मि

इस तस्वीर को गौर से देखिये। तस्वीर मंगलवार को खींची गई है। इलाहाबाद में संगम के किनारे। जरा तस्वीर को एक बार फिर देखिये क्या वजह होती हैं की कोई भीषण सर्दी में बिना कपडों के पेड़ से उल्टा लटक जाता है। आप इसे पागलपन कह सकते हैं, लेकिन ये उस पागलपन से तो कम ही है जो हम रोजमर्रे की जिंदगी में करते रहते हैं। आप जरा गौर से सोचेंगे तो मेरी बात सही लगेगी। लेकिन एक बारगी मान भी लेते हैं कि ये पागल हैं, तो सवाल उठता है कि आखिर ये क्यों पागल हैं। किसी को एक वक्त कि रोटी चाहिए तो कोई अच्छी नौकरी के लिए पागल है। कोई किसी के प्यार में पागल है तो कोई प्रधानमंत्री बनने के लिए पागल है। फिर ये साधू किसकी खोज में पागल है...... जारी

विचार मंथन

कारोबार में अध्यात्म